श्रीहित हरिवंश गोस्वामी:संप्रदाय और साहित्य -ललिताचरण गोस्वामी
साहित्य
सम्प्रदाय का साहित्य
हिताचार्य ने अपने पदों में रूपक भी बड़े सुन्दर रखे हैं। राधाकृष्ण के लिये उनको सबसे अधिक प्रिय रूपक हंस-हंसिनी का है और इसका प्रयोग उन्होंने कई पदों में किया हैः- हित हरिवंश हंस-हंसिनी साँवल गौर लाड़िली किशोर राज, हंस-हंसिनी समाज, हित हरिवंश हंस-हंसिनी समाज, तुम जु कंचन तनी, लालमर्कत मनी, राधाकृष्ण श्रृंगार की मूर्ति हैं। श्रृंगार स्वभावतः उज्ज्वल होता है। युगल में उज्ज्वलता की पराकाष्ठा है। हंस-हंसनी का रूपक राधाकृष्ण की उज्ज्वलता की बड़ी सुन्दर अभिव्यक्ति करता है। साथ ही श्रृंगार रस की ‘शुचिता’ और ‘दर्शनीयता’ भी इसके द्वारा व्यक्त हो जाती है। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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