श्रीहित हरिवंश गोस्वामी:संप्रदाय और साहित्य -ललिताचरण गोस्वामी
सिद्धान्त
युगल-केलि (प्रेम-विहार)
श्री वृन्दावन धम रसिक मन मोहई। श्री हरिराम व्यास ने एक पद में इन नित्य दुलहिनी-दूलह के रास का वर्णन किया है। पद के अंत में उन्होंने कहा है कि इस लीला के मन में आते ही उनको श्री शुकदेव-वर्णित रास विस्मृत हो गया है। दुलहिन-दूलह खेलत रास। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ व्यासवाणी पद- 257
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