वृक्ष प्रकृति की अनमोल धरोहर व पर्यावरण के संरक्षक हैं।
- वृक्षों के प्रति मानव मन में अनादी काल से ही अगाध श्रद्धा का बोध रहा है, इन्हीं की छाया में बैठकर हमारे ऋषि-मुनियों ने बड़े-बड़े ग्रंथों की रचना की थी। यह वृक्ष उनकी साधना की तपस्थली भी थे।
- देवी, देवताओं के देवालय भी वृक्षों से सुशोभित होते रहे हैं।
- परंपरागत मान्यताओं के आधार पर इन वृक्षों में निवास करके देवताओं ने इनके महत्त्व को बहुत अधिक उच्च कोटि का दर्जा दिया है।
- पीपल, नीम, कदम्ब, बरगद आदि वृक्ष हिन्दू धर्म में पूजनीय हैं।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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