गीता प्रबोधनी -स्वामी रामसुखदास
दसवाँ अध्याय
पुरोधसां च मुख्यं मां विद्धि पार्थ बृहस्पतिम् । |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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पुरोधसां च मुख्यं मां विद्धि पार्थ बृहस्पतिम् । |
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