गीता अमृत -जोशी गुलाबनारायण |
अध्याय | अध्याय का नाम | पृष्ठ संख्या |
- | गीतोपदेश के पश्चात भागवत धर्म की स्थिति | 1 |
- | भूमिका | 66 |
- | महर्षि श्री वेदव्यास स्तवन | 115 |
- | श्री गणेश वन्दना | 122 |
1. | अर्जुन विषाद-योग | 126 |
2. | सांख्य-योग | 171 |
3. | कर्म-योग | 284 |
4. | ज्ञान-कर्म-संन्यास योग | 370 |
5. | कर्म-संन्यास योग | 474 |
6. | आत्म-संयम-योग | 507 |
7. | ज्ञान-विज्ञान-योग | 569 |
8. | अक्षर-ब्रह्म-योग | 607 |
9. | राजविद्या-राजगुह्य-योग | 653 |
10. | विभूति-योग | 697 |
11. | विश्वरूप-दर्शन-योग | 752 |
12. | भक्ति-योग | 810 |
13. | क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ-विभाग-योग | 841 |
14. | गुणत्रय-विभाग-योग | 883 |
15. | पुरुषोत्तम-योग | 918 |
16. | दैवासुर-संपद-विभाग-योग | 947 |
17. | श्रद्धात्रय-विभाग-योग | 982 |
18. | मोक्ष-संन्यास-योग | 1016 |
अंतिम पृष्ठ | 1142 |