गीता अमृत -जोशी गुलाबनारायण
महर्षि श्री वेदव्यास स्तवन
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(1)
ब्रह्मा के मानस पुत्र महर्षि वशिष्ठ के;
प्रजापति कर्दम की पुत्री अरुन्धति के।
शक्ति पुत्र-पत्नी अदृश्यन्ति के;
ऋषि पाराशर तपोधन पुत्र थे।।
(2)
है कथा यदपि अत्यन्तातीत की
है किन्तु इतिहास सिद्ध ही।
कि थी एक कन्या धीरव-राज की
धृति व क्षमा नारी रूप ही।।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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अध्याय
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