राधा कृष्ण की मधुर-लीलाएँ पृ. 36

श्रीराधा कृष्ण की मधुर-लीलाएँ

Prev.png

श्रीसाँझी-लीला

सखी- वाकौ नाम कहा हौ?
श्रीजी- सखी! वाकौ नाम तौ मैं नायँ जानूँ; परंतु, हाँ, वाको स्याम तौ रंग हौ और वानें पीरे-पीरे वस्त्र पहरि राखे हे।
सखी- अरी, होयगौ कोई माली। अब बौहौत अबेर है गई, घर पधारौ।
श्रीजी- नायँ, एक बेर वाही कुंज में मोकूँ फिर लै चल।
सखी- प्यारी! काऊ माली सौं बिना हीं बात लरनौ परैगौ, घर चलौ ।
श्रीजी- नायँ सखी! मैं एक बेर तौ वहाँ जाऊँगी ही।
सखी- अच्छौ, नायँ मानौ तौ चलौ।
(सब सखी, श्रीजी फूल बीनती मालती-कुंज की ओर पधारैं)

समाजी-
ख्याल (राग बसंत, ताल द्रुत एकताल)
फुलवा बिनत डार-डार गोकुल की सुकुँवारि,
चंद-बदनि कमल-नैनि भानु की लली ।
एरी ए सुघर नारि, चलत न अंचल सम्हारि,
आवैंगे नंदलाल, देखि कैं डरी ।।
Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

क्रमांक विषय का नाम पृष्ठ संख्या
1. श्रीप्रेम-प्रकाश-लीला 1
2. श्रीसाँझी-लीला 27
3. श्रीकृष्ण-प्रवचन-गोपी-प्रेम 48
4. श्रीगोपदेवी-लीला 51
5. श्रीरास-लीला 90
6. श्रीठाकुरजी की शयन झाँकी 103
7. श्रीरासपञ्चाध्यायी-लीला 114
8. श्रीप्रेम-सम्पुट-लीला 222
9. श्रीव्रज-प्रेम-प्रशंसा-लीला 254
10. श्रीसिद्धेश्वरी-लीला 259
11. श्रीप्रेम-परीक्षा-लीला 277
12. श्रीप्रेमाश्रु-प्रशंसा-लीला 284
13. श्रीचंद्रावली-लीला 289
14. श्रीरज-रसाल-लीला 304
15. प्रेमाधीनता-रहस्य (श्रीकृष्ण प्रवचन) 318
16. श्रीकेवट लीला (नौका-विहार) 323
17. श्रीपावस-विहार-लीला 346
18. अंतिम पृष्ठ 369

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः