विषय सूची
श्रीराधा कृष्ण की मधुर-लीलाएँ
श्रीसिद्धेश्वरी-लीला(पद)
राधे, तैंने अपने नेत्रन की कोर की तनक सी मरोर तेई मोहन बस करि राखे हैं। तब मेरे (समग्र) की तौ उपमा कौन दै सकै है। जैसैं कमल की अधिखिलि कली में भौंरा मँडरायौ, करै, तैसैंई तेरे नेत्रन के बीच पूतरी डोल्यौ करै। जब तू अपने नेत्रन में तनक सौ अंजन छुवाय दै, तब तौ लालन (स्यामसुंदर) लोट-पोट है जायँ हैं। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
क्रमांक | विषय का नाम | पृष्ठ संख्या |
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज