राधा कृष्ण की मधुर-लीलाएँ पृ. 246

श्रीराधा कृष्ण की मधुर-लीलाएँ

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श्रीप्रेम-सम्पुट लीला

देवी- अजी बहन! तब ही वे आपकूँ छोड़ि कैं अन्य गोपी के यहाँ चले गये हैं।

श्रीजी- हे देवांगने, हमारे प्यारे अन्य गोपीन तें जथावत् प्रीति के अनुसार प्रेम करैं हैं याते प्यारे अपराधी नहीं होय हैं। और दैवजोग ते कबहुँ कहूँ क्रीड़ा कौ बिपरीत क्रम हैजायवे ते हू प्यारे सुखी नहीं होय हैं और बिघ्न है वे ते जब मेरे संग कोई खेल नहीं करि पावैं तोऊ उनकौ चित्त मोही में लग्यौ रहै है। मेरी प्यारी दुखी हौंती होयँगी, यों सोचि कैं काहू और गोपी के द्वारा रोके जायवे पै हू वे जद्यपि वा गोपी के संग खेलैं हैं। परंतु वा समय हू मेरे दुःख कौ ध्यान प्रियतम कूँ बन्यौ ही रहै है। यही मोकूँ छोड़ि कैं अन्य गोपी के यहाँ मेरे प्यारे के जायबे कौ कारन है। अब रास में मोकूँ अकेली छोड़ि कै जायबे कौ हू कारन सुनौ।

संपूर्ण गोपीन कूँ त्यागि कैं प्रियतम ने मेरे संग बिहार कियौ, याकूँ तौ तुम अच्छी तरह जानौ ही हौ।

देवी- अजी, हम कहा- यह तौ सब संसार ही जानै है।

श्रीजी- सुनौ, हमकूँ अतुल सौभाग्यरूपी दिब्य रत्नसिंहासन पै बैठाय अनेक पुष्पादि सामग्रीन ते सिंगार कियौ और फिर एक बन ते दूसरे बन कूँ जाते भये और कोई अन्य कांता कौ हू उनने स्मरन नहीं कियौ! फिर मैंने ही अपने मन में बिचार कियौ कि मेरी प्यारी सखीन ने मेरे और प्रियतम के एकांत बिहार-सुख कूँ नहीं देख्यौ। और एकांत बिरह-ज्वर-पीड़ित वे न जानैं कहा करती होयगी। अतः यदि मैं काहू मिस करि यहीं ठहरि जाऊँ, तौ संभव है हमें खोजती सखीगन कहूँ ते आय जायँ और हम सौं मिल जायँ। ऐसौं सोचि कैं मैंने प्रियतम ते मिस कियौ कि अब और मैं चलि नायँ सकूँ हूँ अतः यहीं बिश्राम करूँगी।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

क्रमांक विषय का नाम पृष्ठ संख्या
1. श्रीप्रेम-प्रकाश-लीला 1
2. श्रीसाँझी-लीला 27
3. श्रीकृष्ण-प्रवचन-गोपी-प्रेम 48
4. श्रीगोपदेवी-लीला 51
5. श्रीरास-लीला 90
6. श्रीठाकुरजी की शयन झाँकी 103
7. श्रीरासपञ्चाध्यायी-लीला 114
8. श्रीप्रेम-सम्पुट-लीला 222
9. श्रीव्रज-प्रेम-प्रशंसा-लीला 254
10. श्रीसिद्धेश्वरी-लीला 259
11. श्रीप्रेम-परीक्षा-लीला 277
12. श्रीप्रेमाश्रु-प्रशंसा-लीला 284
13. श्रीचंद्रावली-लीला 289
14. श्रीरज-रसाल-लीला 304
15. प्रेमाधीनता-रहस्य (श्रीकृष्ण प्रवचन) 318
16. श्रीकेवट लीला (नौका-विहार) 323
17. श्रीपावस-विहार-लीला 346
18. अंतिम पृष्ठ 369

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