विषय सूची
मेरे तो गिरधर गोपाल -स्वामी रामसुखदास
15. अनिर्वचनीय प्रेम
भगवान् श्रीराम को देखकर तत्त्व ज्ञानी जनक भी कह उठे- सहज बिरागरूप मनु मोरा। सतीं सो दसा संभु कै देखी। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ (मानस, बाल0 216/2-3)
संबंधित लेख
क्रम संख्या | पाठ का नाम | पृष्ठ संख्या |
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज