ज्ञानेश्वरी पृ. 730

श्रीज्ञानेश्वरी -संत ज्ञानेश्वर

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अध्याय-18
मोक्ष संन्यास योग


यत्तु कृत्स्नवदेकस्मिन्कार्ये सक्तमहैतुकम् ।
अतत्त्वार्थवदल्पं च तत्तामसमुदाहृतम् ॥22॥

हे किरीटी! जो ज्ञान शास्त्रविधिरूपी वस्त्र को धारण नहीं करता और इसीलिये जिसके निर्वस्त्र होने के कारण जिसकी ओर सदाचार की माता श्रुति कभी भूलकर भी नहीं देखती और जिस ज्ञान को शास्त्र के बहिष्कार के कारण निन्दा की भी परवाह नहीं होती और यही कारण है कि जिसे दूसरों (स्मृति आदि) ने भी म्लेच्छ धर्मरूपी पर्वत की ओर हाँक दिया है, जो ज्ञान इस प्रकार तमोगुणरूपी पिशाच से आविष्ट होने के कारण विक्षिप्तों की भाँति इधर-उधर भटकता रहता है, जो ज्ञान देह-सम्बन्धी किसी प्रकार का अवरोध नहीं मानता, जो किसी भी चीज को निषिद्ध नहीं समझता, जो ज्ञान वीरान गाँव में छोड़े हुए उस श्वान की भाँति होता है, जो सिर्फ उसी चीज को छोड़ता है जो उसके मुख में नहीं समा सकता अथवा जिसके सेवन करते ही सुख जलने लगता है और जो शेष सभी चीजों को हजम कर जाता है जो ज्ञान उस चूहे की भाँति होता है, जो स्वर्णानिर्मित किसी चीज को खींचकर अपनी बिल में ले जाते समय यह विचार नहीं करता कि उसका स्वर्ण असली है या नकली अथवा जो ज्ञान उस मांसभक्षी मनुष्य की भाँति होता है जो मांस-भक्षण करते समय यह विचार नहीं करता कि यह मांस काले जानवर का है अथवा गोरे, अथवा जो ज्ञान वन में लगने वाली अग्नि की भाँति यह विचार नहीं करता कि यह कौन है और वह कौन है अथवा जो ज्ञान उस मक्खी की भाँति होता है, जो किसी देह पर बैठते समय यह नहीं देखती कि यह मरा हुआ है या जीवित है अथवा जो ज्ञान उस काकपक्षी के ज्ञान की भाँति होता है जो यह विचार ही नहीं करता कि यह वमित अन्न है या परोसा हुआ है, ताजा है या सड़ा हुआ है।

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क्रम संख्या विषय पृष्ठ संख्या
पहला अर्जुन विषाद योग 1
दूसरा सांख्य योग 28
तीसरा कर्म योग 72
चौथा ज्ञान कर्म संन्यास योग 99
पाँचवाँ कर्म संन्यास योग 124
छठा आत्म-संयम योग 144
सातवाँ ज्ञान-विज्ञान योग 189
आठवाँ अक्षर ब्रह्म योग 215
नवाँ राज विद्याराज गुह्य योग 242
दसवाँ विभूति योग 296
ग्यारहवाँ विश्व रूप दर्शन योग 330
बारहवाँ भक्ति योग 400
तेरहवाँ क्षेत्र-क्षेत्रज्ञ विभाग योग 422
चौदहवाँ गुणत्रय विभाग योग 515
पंद्रहवाँ पुरुषोत्तम योग 552
सोलहवाँ दैवासुर सम्पद्वि भाग योग 604
सत्रहवाँ श्रद्धात्रय विभाग योग 646
अठारहवाँ मोक्ष संन्यास योग 681

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