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श्रीगीतगोविन्दम् -श्रील जयदेव गोस्वामी
प्रथम सर्ग
सामोद-दामोदर
अथ प्रथम सन्दर्भ
अष्टपदी
1. गीतम्
मालवगौड़रागेण रूपकतालेन च गीयते ॥प्रबन्ध:॥1॥ प्रलयपयोधिजले धृतवानसि वेदं क्षितिरतिविपुलतरे तिष्ठति तव पृष्ठे वसति दशनशिखरे धरणी तव लग्ना |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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