विषय सूची 1 श्रीगीतगोविन्दम् -श्रील जयदेव गोस्वामी 1.1 प्रथम सर्ग सामोद-दामोदर अथ द्वितीय सन्दर्भ 2. गीतम् 2 टीका टिप्पणी और संदर्भ 3 संबंधित लेख श्रीगीतगोविन्दम् -श्रील जयदेव गोस्वामी प्रथम सर्ग सामोद-दामोदर अथ द्वितीय सन्दर्भ 2. गीतम् अमल-कमल-दललोचन! भव मोचन। त्रिभुवन भवन-निधान! जय जय देव हरे ॥5॥ जनक-सुता-कृत-भूषण! जितदूषण! समर-शमित-दशकण्ठ! जय जय देव हरे ॥6॥ अभिनव-जलधर-सुन्दर! धृतमन्दर! श्रीमुखचन्द्र-चकोर! जय जय देव हरे ॥7॥ तव चरणे प्रणता वयम् इति भावय। कुरु कुशलं प्रणतेषु, जय जय देव हरे ॥8॥ श्रीजयदेवकवेरिदं कुरुते मुदम्। मंगलमुज्ज्वलगीतम् जय जय देव हरे ॥9॥ टीका टिप्पणी और संदर्भ संबंधित लेख गीत गोविन्द -श्रील जयदेव गोस्वामी सर्ग नाम पृष्ठ संख्या प्रस्तावना 2 प्रथम सामोद-दामोदर: 19 द्वितीय अक्लेश केशव: 123 तृतीय मुग्ध मधुसूदन 155 चतुर्थ स्निग्ध-मधुसूदन 184 पंचम सकांक्ष-पुण्डरीकाक्ष: 214 षष्ठ धृष्ठ-वैकुण्ठ: 246 सप्तम नागर-नारायण: 261 अष्टम विलक्ष-लक्ष्मीपति: 324 नवम मुग्ध-मुकुन्द: 348 दशम मुग्ध-माधव: 364 एकादश स्वानन्द-गोविन्द: 397 द्वादश सुप्रीत-पीताम्बर: 461 वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ ऋ ॠ ऑ श्र अः श्रेणियाँ: गीत गोविन्द -जयदेवपद्य साहित्यसंस्कृत साहित्यछुपाई हुई श्रेणी: कृष्ण कोश