श्रीराधा कृष्ण की मधुर-लीलाएँ
श्रीकेवट लीलासखी- देखि लेउ, सखियौ! बीच धार में लाय कैं कैसी बात बनाय रह्यौ है।
(दोहा)
देखौ, मेरे डमरू तंत्र में एक ऐसौ मंत्र लिख्यौ है, ताकूँ सुनि कैं सब छिन में पार है जावौगी।
पद (राग-खामज, त्रिकाल)
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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