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श्रीराधा कृष्ण की मधुर-लीलाएँ
श्रीप्रेम-सम्पुट लीला
(दोहा)
(संस्कृत)
अर्थ- हे किसोरी! तुम कौन हो, कहाँ ते आई हौ, और यहाँ आयवे को तुम्हारो प्रयोजन कहा है? यदि तुम कूँ बतायबे में संकोच नहीं होय तौ हमारी प्यारीजी कौ कौतूहल निवारन करौ। अरे, कहा कारन है, ये तौ बौलैहू नाँय। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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