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श्रीगीतगोविन्दम् -श्रील जयदेव गोस्वामी
एकादश: सर्ग:
सामोद-दामोदर:
एकविंश: सन्दर्भ:
21. गीतम्
लक्ष्मी जी का एक नाम पद्मावती है, जयदेव की पत्नी का नाम भी पद्मावती है। पद्मावती के आराधक हैं जयदेव जो कविराजों में सर्वश्रेष्ठ हैं। अत: कविराजवर श्रीहरि से प्रार्थना करते हैं- हे मुरारे! मैंने प्रासाद के अन्तर में पद्मावती की प्रतिष्ठा की है, आपकी प्रसन्नता के लिए यह कविता की है, आप प्रसन्न होवें और हमारा शतश: मंगल करें। अथवा श्रीजयदेव स्वयं श्रीराधा से अनुरोध कर रहे हैं जो लक्ष्मी की सारी सम्पदा, सारा सुख लेकर आज उपस्थित हैं, आप उन मुरारि के लिए सौ-सौ प्रकार के मंगल विधान करें। उनका मंगल तुम्हारे साथ रमण ही है। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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