टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रघुनन्दन
- ↑ रघुनाथ
- ↑ पिव रसिक = रसिक श्रीकृष्ण। रिझाऊ = प्रसन्न करूँगी। जाचूँगी = प्रार्थना करूँगी। कछनी काछूँगी = कछोरा पहिनूँगी। सुरत...काछूँगी = ध्यान की साधना साधूँगी। यामें = इनमें से। पिव...पौढूँगी = अपने इष्टदेव के साथ तादात्म्य-सम्बन्ध कर लूँगी। राचूँगी = रंग जाऊँगी।
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