राधा माधव रस सुधा पृ. 6

श्री राधा माधव रस सुधा -हनुमान प्रसाद पोद्दार

[षोडशगीत]

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श्रीकृष्ण के प्रेमोद्गार-श्रीराधा के प्रति

(राग रागेश्वर-ताल दादरा)

दोउ चकोर, दोउ चंद्रमा, दोउ अलि, पंकज दोउ ।
दोउ चातक, दोउ मेघ प्रिय, दोउ मछरी, जल दोउ ॥ 1॥

आस्त्र्य-आलंबन दोउ, विषयालंबन दोउ ।
प्रेमी-प्रेमास्पद दोउ, तत्सुख-सुखिया दोउ ॥ 2॥

लीला-आस्वादन-निरत महाभाव-रसराज ।
बितरत रस दोउ दुहुन कौं, रचि बिचित्र सुठि साज ॥ 3॥

सहित बिरोधी धर्म-गन जुगपत नित्य अनंत ।
बचनातीत अचिन्त्य अति, सुषमामय श्रीमंत ॥ 4॥

श्रीराधा-माधव-चरन बंदौं बारंबार ।
एक तत्व दो तनु धरैं, नित-रस-पारावार ॥ 5॥

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

सम्बंधित लेख

राधा माधव रस सुधा
क्रम संख्या अध्याय पृष्ठ संख्या
1. महाभाव-रसराज-वन्दना 2
2. राग मालकोस-तीन ताल 4
3. राग रागेश्वर-ताल दादरा 6
4. राग भैरव-तीन ताल 8
5. राग भैरवी-तीन ताल 10
6. राग परज-तीन ताल 12
7. राग परज-तीन ताल 14
8. राग भैरवी तर्ज-तीन ताल 16
9. राग भैरवी तर्ज-तीन ताल 18
10. राग गूजर-ताल कहरवा 20
11. राग गूजर-ताल कहरवा 22
12. राग शिवरंजन-तीन ताल 24
13. राग शिवरंजन-तीन ताल 26
14. राग वागेश्र-तीन ताल 28
15. राग वागेश्र-तीन ताल 30
16. राग भैरव-तीन ताल 34
17. राग भैरवी तर्ज-तीन ताल 36
18. पुष्पिका 38
अंतिम पृष्ठ 39

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