राजा रवि वर्मा का नाम भारत के विख्यात चित्रकारों में लिया जाता है। उन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति के पात्रों का चित्रण किया था। उनके चित्रों की सबसे बड़ी विशेषता हिन्दू महाकाव्यों और धर्म ग्रंथों पर बनाए गए चित्र हैं। हिन्दू मिथकों का बहुत ही प्रभावशाली इस्तेमाल राजा रवि वर्मा के चित्रों में दिखाई देता है।
- आधुनिक भारतीय चित्रकला को जन्म देने का श्रेय राजा रवि वर्मा को जाता है।
- उनकी कलाओं में पश्चिमी रंग का प्रभाव साफ नजर आता है। उन्होंने पारंपरिक तंजावुर कला और यूरोपीय कला का संपूर्ण अध्ययन कर उसमें महारत हासिल की थी।
- राजा रवि वर्मा ने भारतीय परंपराओं की सीमाओं से बाहर निकलते हुए चित्रकारी को एक नया आयाम दिया।
- बेशक उनके चित्रों का आधार भारतीय पौराणिक कथाओं से लिए गए पात्र थे, लेकिन रंगों और आकारों के जरिए उनकी अभिव्यक्ति आज भी प्रासंगिक लगती है।
- राजा रवि वर्मा ने उस समय में खुलेपन को स्वीकार किया, जब इस बारे में सोचना भी मुश्किल था। राजा रवि वर्मा ने इस विचारधारा को न सिर्फ आत्मसात किया, बल्कि अपने कैनवस पर रंगों के माध्यम से उकेरा भी। यही कारण रहा कि उनकी कलाकृतियों को उस समय के प्रतिष्ठित चित्रकारों ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। फिर भी उन्होंने प्रयास नहीं छोड़ा और बाद में उन्हीं चित्रकारों को उनकी प्रतिभा का लोहा मानना पड़ा। उन्होंने अपनी चित्रकारी में प्रयोग करना नहीं छोड़ा और हमेशा कुछ अनोखा और नया करने का प्रयास करते रहे।
वीथिका
'जमुना' (गोपियों के साथ कृष्ण), द्वारा- राजा रवि वर्मा
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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