मीराँबाई की पदावली पृ. 29

मीराँबाई की पदावली

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काव्यत्व

पदावली में सबसे अधिक हमें ‘रूपकों’ के उदाहरण मिलते हैं और उनमें भी कई एक, जैसे पद 75 में[1] सर्पदंश, पद 92 में ‘ज्ञान को ढोल’, पद 129 में ‘तन का दिवला’, व पद 192 में, ‘सोलह सिणगार’ सम्बन्धी सांगरूपक से बन गए हैं। रूपक तथा अन्य अलंकारों के कुछ उदाहरण नीचे दिये जाते हैं।

रूपक- ‘अँसुवन जल सींचि-सींचि प्रेम बेलि बोई’।[2]
‘भौसागर अति जोर कटिये, अनँत ऊँड़ी धार। रामनाम का बाँध बेड़ा, उतर परले पार।।’[3]
उपमा- पानाँ ज्यूँ पीली पड़ी रे,[4] ‘घायल ज्यूँ घूमूँ सदा री’,[5]
‘जल बिन कँवल चन्द बिन रजनी, ऐसे तुम देख्याँ बिन सजनी।’[6]
‘मैं कोइल ज्यूँ कुहकाऊँगी’,[7]
उत्प्रेक्षा- ‘कुंडल की अलक झलक, कपोलन पर धाई , मनो मीन सरवर तजि, मकर मिलन आई।’[8]
‘धरती रूप नवा-नवा धरिया, इन्दु मिलण कै काज।’[9]
अयुक्ति- ‘माँस गले गल छीजियारे, करक रह्या गल आहि। आँगलियारो मूँदड़ो, म्हारे आवण लागो बांहि।’[10]
‘गिणताँ गिणताँ धँस गई रेखा आँगरिया की सारी।’[11]
उदाहरण- मीराँ प्रभु गिरधर मिले, ( जैसे ) पाणी मिलगयो रंग।’[12]
‘तुम बिच हम बिच अंतर नाहीं, जैसे सूरज घामा।’[13]
विभावना - बिनि करताल पखावज बाजै, अणहद की झणकार रे।
बिनि सुन राग छतीसूँ गावै, रोम-रोम रंगसार रे।[14]
स्वभावोक्ति- बसो मोरे नैनन में नँदलाल।।टेक।।
मोहनी मूरति साँवरी सूरति, नैणा बने विसाल।
अधर सुधारस मुरली राजति, उर वैजंती मान।
छुद्र घंटिका कटि तट सोभित, नूपुर सवद रसाल।’[15]
अर्थांतरन्यास- ‘हेरी मैं तो दरद दिवाणी होई, दरद न जाणैं मेरो कोई ।।टेक।।
घाइल की गति घाइल जाणै, की जिण लाई होइ।
जौहरि की गति जौहरी जाणौं, की जिन जौहर होई।’[16]
श्लेष- ‘ओह झिरमिट माँ मिला साँवरो, खोल मिलो तन गाती।’[17]
विप्सा- ‘अंगि-अंगि व्याकुल भई, मुखि पिय पिय बानी हो।’[18]
‘रामनाम रस पीजे मनुआँ, रामनाम रस पीजे।’[19]
अनुप्रास- ‘समरथ सरण तुम्हारी सइयाँ, सरब सुधारण काज।’[20]
‘बावल बैद बुलाइयारे, पकड़ दिखाई म्हाँरी बाँह।’[21]
सूनो गाँव देस सब सूनो, सूनी सेज अटारी।’[22]
‘भोजन भवन भलो नहिं लागै, पिया कारण भई गेली।’[23]
‘मनकूं मार सजूँ सतगुरु सूँ, दूरमंत दूर गमाऊँ, ए माय।’[24]

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 40
  2. पद 15
  3. पद 195
  4. पद 74
  5. पद 74
  6. पद 101
  7. पद 126
  8. पद 9
  9. पद 141
  10. पद 74
  11. पद 78
  12. पद 105
  13. पद 115
  14. पद 151
  15. पद 3
  16. पद 72
  17. पद 20
  18. पद 87
  19. पद 199
  20. पद 64
  21. पद 74
  22. पद 78
  23. पद 80
  24. पद 92

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