मीराँबाई की पदावली
मिलन
राग सोरठ
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ जोसीड़ा = जोशी, ज्योतिषी, पुराहित। लाख = अनेक। बधाई = उपहार, धन्यवाद। जीव... सुख धाम = प्राणों को अत्यंत सुख की प्राप्ति हो गई। पाँच सखी = पाँच सखियाँ अथवा पंच ज्ञानेन्द्रियाँ। परसिकै = स्वागत किया, दर्शनानन्द प्राप्त किया। ठाँम ठाँम = जगह जगह पर ( मनाया )। सुफल = पूर्ण हुई। काम = कामना। गवन कियो = पधारे। राम = पिंयतम।
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