अमावस्या की तिथि का हिन्दू धर्म में बड़ा ही महत्त्व बताया गया है। जिस तिथि में चन्द्रमा और सूर्य साथ रहते हैं, वही 'अमावास्या' तिथि है। इसे 'अमावसी' भी कहा जाता है। इसके साथ ही 'सिनीवाली' या 'दर्श' नाम भी प्राप्त होते हैं।
- अमावास्या माह की तीसवीं तिथि होती है। कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को कृष्ण पक्ष प्रारम्भ होता है तथा अमावास्या का समाप्त होता है। अमावास्या पर सूर्य और चन्द्रमा का अन्तर शून्य हो जाता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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