युग

युग हिन्दू सभ्यता के अनुसार, एक निर्धारित संख्या के वर्षों की कालावधि है। भारतीय ज्योतिष और पुराणों की परंपरा के आधार पर सृष्टि के संपूर्ण काल को चार भागों में बांटा गया है-

  1. सत युग
  2. त्रेता युग
  3. द्वापर युग
  4. कलि युग
  • इस काल विभाजन को कुछ लोग जीवन की स्थितियों की लाक्षणिक अभिव्यक्ति मानते हैं। उनके अनुसार सोता हुआ 'कलि' है। जम्हाई लेता हुआ 'द्वापर'। उठता हुआ 'त्रेता' और चलता हुआ 'सतयुग' है।
  • प्राचीन काल में युगों के अतिरिक्त काल का विभाजन युग, मन्वंतर और कल्प के क्रम से भी होता रहा है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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