मीराँबाई की पदावली
संसार राग विहागरा
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ यौ = यह। जिवड़ो = जीव। कुण = कौन। कुबधि = कुबुद्धि, दुर्मति। भाँडो = बर्त्तन, खानि। ( देखो - ‘दुनियां भांडा दुख का, भारी मुहाँमुह भूष’ - कबीर )। निद्या ठाणै = निन्दा करता है। कुमावे = कमाता व इकट्ठा करता जाता है। फिर = फिर कर, लौट कर, बारबार। चौरासी = चौरासी लाख योनियों में। सरणैं = शरण में। परम पद = परमात्मा का पद वा स्थान, अगम देश।
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