बादली देख डरी हो स्‍याम मैं -मीराँबाई

मीराँबाई की पदावली

Prev.png
विरहयातना


राग मलार


बादली देख डरी हो स्‍याम मैं बादल देख डरी[1] ।। टेक ।।
काली पीली घटा ऊमटी,[2] वरस्‍यो एक घरी ।
जित जाऊँ तित पाणी[3] पाणी, हुई[4] हुई भोम हरी ।
जाका पिया परदेस बसत है, भीजूँ[5] बहार खरी ।
मीराँ के प्रभु हरि[6] अबिनासी कीज्‍यौ प्रीत खरी ।।82।।[7]

Next.png

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. झरी
  2. उमंगी
  3. पानिहि पानी
  4. हुई सब
  5. बार
  6. गिरधर नागर
  7. काली पीली = घन घोर। ऊमटी = उमड़ी, घिर आई। पाणी पाणी = जल ही जल। हुई हुई = हो गई। भोम = भूमि, पृथ्वी। हरी = हरियाली संपन्न। जाका = जिसका, मैं जिसका। भीजूँ = भीगती हूँ। बहार = बाहर। खरी = खड़ी। खरी = सच्ची, स्थायी।

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः