टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ झरी
- ↑ उमंगी
- ↑ पानिहि पानी
- ↑ हुई सब
- ↑ बार
- ↑ गिरधर नागर
- ↑ काली पीली = घन घोर। ऊमटी = उमड़ी, घिर आई। पाणी पाणी = जल ही जल। हुई हुई = हो गई। भोम = भूमि, पृथ्वी। हरी = हरियाली संपन्न। जाका = जिसका, मैं जिसका। भीजूँ = भीगती हूँ। बहार = बाहर। खरी = खड़ी। खरी = सच्ची, स्थायी।
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