मीराँबाई की पदावली
मीराँबाई का जीवन-वृत्त
मीराँबाई के आविर्भाव-काल के विषय में बहुत दिनों तक पूरा मतभेद रहता आया है। तदनुसार, एक ओर, यदि बहुत से लोग इन्हें मेवाड़ के प्रसिद्ध महाराणा कुम्भ [1] की रानी समझते थे और कुछ लोग मैथिल कवि विद्यापति का समकालीन तक मानते थे, तो दुसरी ओर अन्य सज्जन इन्हें प्रसिद्ध राठौड़ वीर जयमल [2]की पुत्री ठहराते थे। इनके जन्म व मरण के संवतों के सम्बन्ध में, इसी कारण, बहुत-सी मनगढंत बातें प्रचलित हो चली थी-(देखो परिशिष्ट-क)। किन्तु राजस्थान के इतिहास-प्रेमियों ने अब खोज के उपरान्त, बहुत-सी बातें निश्चित सी कर दी है जिनके आधार पर इनका जीवन वृत, नीचे लिखे अनुसार, दिया जा सकता है।
मीराँबाई, जोधपुर के संस्थापक सुप्रसिद्ध राठौड़ राजा राव जोधाजी [3] के पुत्र राव दूदाजी [4] की कुल व जन्म पौत्री थीं। राव दूदाजी ने अपने पिता के जीवन काल में ही, अपने भाई वरसिंह की सहायता से, मेड़ता के प्रान्त को, अजमेर के सूबेदार से छीनकर, उसके अन्तर्गत,सं0 1519 वि0 (सन् 1462 ई0 में, एक नया मेड़ता नगर बसाया था। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मृ0 सं0 1525वि0= सन् 1468 ई0
- ↑ मृ0 सं0 1624 वि0= सन् 1567 ई0)
- ↑ सं0 1462-1545 वि0=सन् 1415-1488 ई0
- ↑ सं0 1497-1572 वि0 सन् 1440-1515 ई0
- ↑ मृ0 सं0 1584 वि0= सन् 1527 ई0
- ↑ सन्1498= ई0
संबंधित लेख
क्रम संख्या | पाठ का नाम | पृष्ठ संख्या |
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज