जुगल किशोर मन्दिर, वृन्दावन
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विवरण | 'जुगल किशोर मन्दिर' मथुरा के प्रसिद्ध मन्दिरों में गिना जाता है। यह 'गोविन्ददेव जी', 'मदनमोहन जी' और 'गोपीनाथ मन्दिर' की ही श्रृंखला में चौथा मन्दिर है। |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
नगर | वृन्दावन |
निर्माता | नानकरन |
निर्माण | सन 1627 ई. |
संबंधित लेख | 'गोविन्द देव मन्दिर', 'गोपीनाथ मन्दिर और 'मदन मोहन मन्दिर' |
अन्य जानकारी | इस मन्दिर का जगमोहन दूसरे मन्दिरों के जगमोहन की अपेक्षा कुछ बड़ा है, जो 25 वर्गफीट का है। |
अद्यतन | 11:45, 16 जुलाई 2016
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जुगल किशोर मन्दिर उत्तर प्रदेश राज्य में मथुरा ज़िले के वृन्दावन नगर में स्थित 'वैष्णव संप्रदाय' का मन्दिर है। यह मन्दिर 'गोविन्द देव मन्दिर', 'मदनमोहन मन्दिर' और 'गोपीनाथ मन्दिर' की ही श्रृंखला में चौथा है।
विषय सूची
निर्माण
जुगल किशोर जी का मन्दिर, केशी घाट के पास स्थित है। इसका निर्माण मुग़ल बादशाह जहाँगीर के समय में सन 1627 ई. में हुआ था। इसका निर्माणकर्ता 'नानकरन' नामक व्यक्ति था। यह चौहान ठाकुर था, परन्तु यह भी असंभव नहीं है कि वह 'गोपीनाथ मन्दिर' के निर्माता रायसिल का बड़ा भाई रहा हो।
जगमोहन
इसका जगमोहन दूसरे मन्दिरों के जगमोहन की अपेक्षा कुछ बड़ा है, जो 25 वर्गफीट का है। द्वार पूर्व को है, किन्तु उत्तर और दक्षिण में भी छोटे-छोटे द्वार हैं। गर्भगृह नष्ट हो चुका था।
जीर्णोद्धार
ग्राउस ने मन्दिर का जीर्णोद्धार कराया था। नगरपालिका ने ऊपर के कमरे को एक रुपया मासिक किराये पर उठा दिया था जिससे कि कोई उस पर अनाधिकार न कर ले और उसकी सफ़ाई भी होती रहे। कुछ ही दिनों बाद नये कलॅक्टर के आते ही इसका दुरुपयोग होने लगा और यह पशु घर बन गया।
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