गोपीनाथ जी मन्दिर, वृन्दावन
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विवरण | 'गोपीनाथ जी मन्दिर' प्रसिद्ध मन्दिरों में से एक है। यह उत्तर प्रदेश राज्य में मथुरा ज़िले के वृन्दावन नगर में स्थित है। यह मन्दिर 'वैष्णव संप्रदाय' से सम्बन्धित है। |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
नगर | वृन्दावन |
निर्माता | कछवाहा ठाकुरों की शेखावत शाखा के संस्थापक के पौत्र रायसिल |
निर्माण | निश्चित तिथि अज्ञात |
वास्तु शैली | 'मदनमोहन मन्दिर' से इसका शिल्प काफ़ी मिलता-जुलता है। |
प्रसिद्धि | उत्तरी भारत की स्थापत्य कला की उत्कृष्ट इमरतों में से एक। |
संबंधित लेख | मदन मोहन मन्दिर, वृन्दावन, रंगनाथ जी मन्दिर, वृन्दावन, बाँके बिहारी मंदिर, द्वारिकाधीश मन्दिर मथुरा |
अद्यतन | 10:48, 24 जुलाई 2016 (IST)
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गोपीनाथ जी मन्दिर प्रसिद्ध मन्दिरों में से एक है। यह उत्तर प्रदेश राज्य में मथुरा ज़िले के वृन्दावन नगर में स्थित है। यह मन्दिर 'वैष्णव संप्रदाय' से सम्बन्धित है। इसकी निर्माण तिथि अज्ञात है। इसका मूल निर्माण कछवाहा ठाकुरों की शेखावत शाखा के संस्थापक के पौत्र रायसिल ने करवाया था। बाद में 1821 ई. में नन्दकुमार घोष नामक एक बंगाली कायस्थ ने नया मन्दिर बनवाया।
- रायसिल ने अफ़ग़ान आक्रमण को विफल करने में इतनी महानता और विशेषता के साथ काम किया था कि अकबर ने उसे एक जागीर के साथ 1250 घुड़सवारों का मनसबदार बना दिया।
- अकबर के अधीन राजा मानसिंह का भी उसने राणाप्रताप के विरुद्ध साथ दिया और क़ाबुल के अभियान में भी ख्याति अर्जित की थी। उसके निधन की तिथि अज्ञात है।
- जिस मन्दिर का रायसिल ने निर्माण कराया था, बताते हैं, वह मदन मोहन मन्दिर, वृन्दावन से शिल्प में मिलता-जुलता है। यह काफ़ी भग्नावस्था में था। गर्भ गृह पूरा गिर चुका था, तीनों बुर्ज छत से आ लगे थे और दरवाज़ा भी प्राय: गिर चुका था। इसके सहारे छप्पर बन गये थे, जिससे यह दिखाई भी नहीं देता था। ग्राउस ने यह छप्पर गिरवा दिये थे।
- सन 1821 ई. में एक बंगाली कायस्थ ने नया मन्दिर बनवाया, जिसका नाम नन्दकुमार घोष था। इसी ने मदनमोहन का नया मन्दिर भी बनवाया था।
- लगभग 3000 रुपये का भेंट-चढ़ावा इसमें आता था और प्राभ्रत से 1200 रुपये आते थे।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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