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गीता चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
अष्टादश अध्याय
अर्जुन उवाच- अर्जुन बोले-महाबाहो! अन्तर्यामिन्! मैं सन्यास और त्याग के तत्व को पृथक्-पृथक् जानना चाहता हूँ। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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