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गीता चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
प्रथम अध्याय
सञ्जय उवाच संजय बोले- रणभूमि में में इस प्रकार कहकर, शोक से उद्विग्न मन वाले अर्जुन बाण सहित धनुष को त्याग कर रथ के पिछले भाग में बैठ गये।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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