गोपी गीत -करपात्री महाराज पृ. 609

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गोपी गीत -करपात्री महाराज

गोपी गीत 19

इस भ्रान्ति की निवृत्ति-हेतु श्रौत-स्मार्त्त धर्म-कर्म, अनुष्ठान एवं उपासना की अवान्तर विभिन्न क्रियाएँ अनिवार्यतः अपेक्षित हैं। उपासना-विधि से शुद्धि, भूत-शुद्धि, नव-दिव्य देह-निर्माण, तत् देह में प्राण-प्रतिष्ठा, अन्तर एवं बाह्यमात्रिका न्यास, मंत्राक्षर-न्यास, अथवा कर्मकाण्डदृष्ट्या
‘महायज्ञैश्च यज्ञैश्च ब्राह्मीयं क्रियते तनुः’[1] यज्ञों के द्वारा ब्रह्म-प्राप्ति-योग्यता उद्बुद्ध की जाती है। इन्द्रिय, मन, बुद्धि, अहंकार, प्राकृत किंवा भौतिक शरीर से अप्राकृत, अभौतिक परात्पर, शुद्ध सच्चिदानन्दघन परब्रह्म का संस्पर्श कदापि सम्भव नहीं होता। परब्रह्म-संस्पर्श हेतु साजात्य अनिवार्य है। जैसे, ग्राहक चक्षु एवं ग्राह्य रूप दोनों ही तेजस् हैं। अतः रूप तेजस् चक्षु तेजस् द्वारा ग्राह्य हो जाता है परन्तु अन्य इन्द्रियों द्वारा समान-गुण-राहित्य के कारण ग्राह्य नहीं हो सकता; तात्पर्य कि साजात्य में ही ग्राहक-ग्राह्य भाव सम्भव है। एतावता, भजन, जप-तप एवं उपासनादि विभिन्न उपचारों द्वारा प्रकृत भौतिक शरीर, इन्द्रिय, मन बुद्धि, अहंकारादिकों में दिव्यता प्रादुर्भूत की जाती है; दिव्यता के प्रादुर्भूत हो जाने पर भगवत्-संस्पर्श की योग्यता उद्बुद्ध होती है।

‘गोप्यः’ अर्थात् प्रेमपंथ गोपनशीलाः प्रेममार्ग का रक्षण ही गोपांगनाओं का स्वभाव है। वे प्रेम-मार्ग की आचार्य हैं। उनमें ही महत् परिणाम-परिमित प्रेम है। अन्यत्र सर्वत्र ही मध्य परिमाण-परिमित प्रेम होता है। जैसे, स्वयं नाचकर ही नाचना सिखाया जाता है, वैसे ही, स्वयं प्रेम-समुद्र में निमग्न होकर ही प्रेम-मार्ग का दिग्दर्शन संभव नहीं। एतावता गोपांगनाओं के ध्यान से ही प्राणी प्रेम-मार्ग में प्रवृत्त होता है, उसके हृदय में प्रेम-तत्त्व का संचार होता है। अस्तु, भगवान् श्रीकृष्णचन्द्र एवं रासेश्वरी राधारानी की आराधना हेतु अपने-अपने विशिष्ट सम्प्रदायानुसार राधारानी की परमान्तरंगा अष्ट सखियों में से किसी एक का अनुगमन अनिवार्य है। प्रेम-मार्ग-रक्षण-परायणा गोपियाँ आनन्दकन्द परमानन्द, सच्चिदानन्दघन भगवान् श्रीकृष्णचन्द्र सुधासिन्धु की वीथि-स्थानीया, स्वरूपभूता तथा रासेश्वरी, नित्य निकुन्जेश्वरी राधारानी माधुर्य-सार-सर्वस्व की अधिष्ठात्री शक्ति-स्वरूपा है।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. म. स्मृ. 2/28

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गोपी गीत
क्रम संख्या विषय पृष्ठ संख्या
1. भूमिका 1
2. प्रवेशिका 21
3. गोपी गीत 1 23
4 गोपी गीत 2 63
5. गोपी गीत 3 125
6. गोपी गीत 4 154
7. गोपी गीत 5 185
8. गोपी गीत 6 213
9. गोपी गीत 7 256
10. गोपी गीत 8 271
11. गोपी गीत 9 292
12. गोपी गीत 10 304
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15. गोपी गीत 13 364
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17. गोपी गीत 15 391
18. गोपी गीत 16 412
19. गोपी गीत 17 454
20. गोपी गीत 18 499
21. गोपी गीत 19 537

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