गोपी गीत -करपात्री महाराज पृ. 130

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गोपी गीत -करपात्री महाराज

गोपी गीत 3

भगवद्-पादारविन्द के वज्र-चिह्न का ध्यान करने से सम्पूर्ण पाप तत्क्षण वज्राहत होकर नष्ट हो जाते हैं। भगवान के पादारविन्द का अंकुश, विषयरूप जल में निमग्न मनरूप मत्स्य को बरबस खींच लेता है अथवा महामत गजेन्द्ररूप मन को वशीभूत कर लेता है। सूर्य-चिह्न के ध्यान से अज्ञानान्धकार का तत्काल अपनोदन एवं स्वप्रकाश तत्त्व का सम्यक् स्फुरण होता है।

सहस नाम सम सुनि सिव बानी। जपि जेई पिय संग भवानी।।[1]

जिस राम-नाम को विष्णु-सहस्रनाम तुल्य समझकर भगवती पार्वती अपने पति भगवान शिव के संग सदा जपती रहती हैं, ऐसे रघुनाथ रामचन्द्र के मंगलमय पवित्र नाम का प्रातःस्मरण सर्व प्रकार के पाप का शमन एवं वाणीदोष का अपहरण करने वाला है। भगवन्नामोच्चारणरूप वाक्-व्यवहार से वाङ्मय-क्षरणरूप अपराध का विनाश हो जाता है। जिनको भगवान कृष्णचन्द्र का इष्ट है वे परमानन्दकन्द कृष्णचन्द्र का ही ध्यान करें।

वंशीविभूषितकरान्नवनीरदाभात् पीताम्बरादरुणबिम्बफलाधरोष्ठात्।
पूर्णेन्दुसुन्दरमुखादरविन्दनेत्रात् कृष्णात्परं किमपि तत्त्वमहं न जाने।।[2]

ऐसे ही भूत-भावन विश्वनाथ सदाशिव, राजराजेश्वरी त्रिपुर-सुन्दरी ललिता पराम्बा आदि अन्य इष्ट के भी विभिन्न उपलक्षण हैं।
निराकार-उपासना हेतु सर्वेश्वरता, सर्वज्ञता, सर्वशक्तिमत्ता की भावना अनिवार्य है अतः निराकार ब्रह्म-चिंतन भी निर्गुण नहीं है; जैसे आकाश निराकार होते हुए भी शब्द-गुण संयुक्त है वैसे ही निराकार, परात्पर, परब्रह्म भी सर्वज्ञता, सर्वशक्तिमत्ता, सर्वगन्धत्व, सर्वकामत्व, सर्वरसत्त्व, अखण्ड-ब्रह्माण्डनायकत्व, पालकत्व आदि दिव्यातिदिव्य गुण-गणों से संयुक्त हैं। सतत् चिन्तन से प्रवृत्तियाँ अन्तर्मुखी होती है अन्तर्मुखी प्रवृत्ति होने पर मन शांत हो जाता है; मन के शांत होने पर विभिन्न उपलक्षणों का बाधपूर्वक तत्त्व-साक्षातकार हो जाता है।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मानस, बा. का. 6
  2. मधुसूदन सरस्वती

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गोपी गीत
क्रम संख्या विषय पृष्ठ संख्या
1. भूमिका 1
2. प्रवेशिका 21
3. गोपी गीत 1 23
4 गोपी गीत 2 63
5. गोपी गीत 3 125
6. गोपी गीत 4 154
7. गोपी गीत 5 185
8. गोपी गीत 6 213
9. गोपी गीत 7 256
10. गोपी गीत 8 271
11. गोपी गीत 9 292
12. गोपी गीत 10 304
13. गोपी गीत 11 319
14. गोपी गीत 12 336
15. गोपी गीत 13 364
16. गोपी गीत 14 389
17. गोपी गीत 15 391
18. गोपी गीत 16 412
19. गोपी गीत 17 454
20. गोपी गीत 18 499
21. गोपी गीत 19 537

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