गोपी-गोप और पशु‌ओं के -हनुमान प्रसाद पोद्दार

पद रत्नाकर -हनुमान प्रसाद पोद्दार

श्रीराधा माधव स्वरूप माधुरी

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राग भैरव - ताल कहरवा

देवता, मुनि, योगी

गोपी-गोप और पशु‌ओं के घेरे से बाहर मतिमान।
सुर-गण विधि-हर-सुरपति आदिक करते ललित छन्द यश-गान॥
वेदायास-परायण मुनिगण सुदृढ़ धर्म का कर अभिलाष।
घेरेसे बाहर दक्षिण में स्थित, विषयों से सदा उदास॥
पृष्ठभाग की ओर खड़े सनकादि महामुनि योगीराज।
अन्य मुमुक्षु समाधि-परायण जिनके, साधन के सब साज॥

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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