"श्रीराधा माधव स्वरूप माधुरी" श्रेणी में पृष्ठ इस श्रेणी में निम्नलिखित 65 पृष्ठ हैं, कुल पृष्ठ 65 अ अंग-अंग अप्रतिम अमित सौन्दर्य -हनुमान प्रसाद पोद्दार अब उन भाग्यवती गायों का -हनुमान प्रसाद पोद्दारइ इस प्रकार जो काम-राग वर्जित -हनुमान प्रसाद पोद्दारउ उड़ा जा रहा प्रकृति पर रथ-विमान आकाश -हनुमान प्रसाद पोद्दार उस अरण्य में सर्वकामप्रद -हनुमान प्रसाद पोद्दार उसके मध्य विराजित सस्मित -हनुमान प्रसाद पोद्दारक कटि किङ्किणि मृदु मधुर शद घण्टिका-विकासित -हनुमान प्रसाद पोद्दार कबरी शिथिल हुई सबकी -हनुमान प्रसाद पोद्दार कर नवनीत लियें नटनागर -हनुमान प्रसाद पोद्दार कर मुरली कटि काछनी -हनुमान प्रसाद पोद्दार कर मुरली कटि काछिनी -हनुमान प्रसाद पोद्दार कलित कल्पतरु-कुंज सुगंधित -हनुमान प्रसाद पोद्दार कालिंदी-तट ठाढ़े नटवर -हनुमान प्रसाद पोद्दार कृष्ण शक्तिमय, शक्ति राधिका-चिन्मय -हनुमान प्रसाद पोद्दार कृष्ण-नील-द्युति तन सुन्दर अति -हनुमान प्रसाद पोद्दार कृष्ण-अंग-लावण्य मधुरसे भी सुमधुरतम -हनुमान प्रसाद पोद्दार कृष्ण-सजल-जलद-नीलाभ तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार कोटि-कोटि शत मदन-रति -हनुमान प्रसाद पोद्दारग गोपी-गोप और पशुओं के -हनुमान प्रसाद पोद्दार गोपीजन से घिरे श्याम -हनुमान प्रसाद पोद्दार गौर सुभग शशि अमित दीप्ति शुचि -हनुमान प्रसाद पोद्दारछ छैल-छबीले लाड़िले -हनुमान प्रसाद पोद्दार ज जय जय ब्रजराज-तनय ब्रजबन-बिहारी -हनुमान प्रसाद पोद्दार जय जय हरि-हृदया वृषभानु-सुकुमारी -हनुमान प्रसाद पोद्दार जयति जय गोप्रेमी गोपाल -हनुमान प्रसाद पोद्दार जयति जय जयति -हनुमान प्रसाद पोद्दार जुगल छबि हरति हिये की पीर -हनुमान प्रसाद पोद्दार जुगल बर परम मधुर रमनीय -हनुमान प्रसाद पोद्दार जुगलबर एक तत्त्व -हनुमान प्रसाद पोद्दारत तदनन्तर आकाश स्थित -हनुमान प्रसाद पोद्दारद दुहुनि की प्रीति अनादि -हनुमान प्रसाद पोद्दार दोऊ सदा एक रस पूरे -हनुमान प्रसाद पोद्दारन नव किशोर नटवर मुरलीधर -हनुमान प्रसाद पोद्दार नव-नीरद-नीलाभ तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार नित नूतन गुन-रूप-रस -हनुमान प्रसाद पोद्दार नित्य, अनन्त, अचिन्त्य, अनिर्वचनीय -हनुमान प्रसाद पोद्दारप परम प्रेम-आनंदमय -हनुमान प्रसाद पोद्दारब बनहिं बन रस ढरकावत डोलैं -हनुमान प्रसाद पोद्दार बिराजत रासेस्वरि-रसराज -हनुमान प्रसाद पोद्दार बिराजित स्यामा-स्याम निकुंज -हनुमान प्रसाद पोद्दारभ भावमयी श्रीराधिका -हनुमान प्रसाद पोद्दारम मधुर मनोहर सुंदर अति सिखि-पिच्छ सुसोहत -हनुमान प्रसाद पोद्दार मधुर-सुमधुर, मधुर उससे भी -हनुमान प्रसाद पोद्दार मिले श्याम-श्यामा दोनों -हनुमान प्रसाद पोद्दार म आगे. मोरपिच्छ सिर, कर्णिकार श्रुति -हनुमान प्रसाद पोद्दारर रसमयी संग रसिक-बर राज -हनुमान प्रसाद पोद्दार राधा-माधव माधव-राधा छाये -हनुमान प्रसाद पोद्दार रास-बिहारिनि राधिका -हनुमान प्रसाद पोद्दार रूप-सील-सौंदर्य-निधि महाभाव रसखान -हनुमान प्रसाद पोद्दारल लता-निकुज मध्य माधव -हनुमान प्रसाद पोद्दारव वह सखि! नूतन जलधर अंग यह सखि -हनुमान प्रसाद पोद्दार वह सखि! शशधर सुखद सुठार -हनुमान प्रसाद पोद्दारश शारदीय-पूर्णिमा-सुनिर्मल -हनुमान प्रसाद पोद्दारस सजल-जलद-नीलाभ तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार सजल-जलद-नीलाभ श्याम -हनुमान प्रसाद पोद्दार सजल-जलद-नीलाभ श्याम तन परम मनोहर -हनुमान प्रसाद पोद्दार सुमन-समूह, मनोहर सौरभ -हनुमान प्रसाद पोद्दार सोहत जुगल राधे-स्याम -हनुमान प्रसाद पोद्दार सोहत सुठि स्याम -हनुमान प्रसाद पोद्दार स्थिर बिजली सँग चंचल जलधर -हनुमान प्रसाद पोद्दार स्याम-स्यामा सुषमाके सागर -हनुमान प्रसाद पोद्दार स्व-सुख-कल्पनाशून्य सर्वथा -हनुमान प्रसाद पोद्दारह हरत मन-माधव कंचन-गोरी -हनुमान प्रसाद पोद्दार हरि सम-वय विलास गुण भूषण -हनुमान प्रसाद पोद्दार हार-रूप नक्षत्रों से शोभित -हनुमान प्रसाद पोद्दार