मैं तो राजी भई मेरे मन में -मीराँबाई

मीराँबाई की पदावली

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मैं तो राजी भई मेरे मन में, मोहि पिया मिले इक छिन में ।। टेक ।।
पिया मिल्या मोहिं कि‍रपा कीन्हीं, दीदार दिखाया हरि ने ।
सतगुरु सबद लखाया असरी, ध्यान लगाया धुन में ।
मीराँ के प्रभु गिरधर नागर, मगन भई मेरे मन में ।।150।।[1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. राजी = प्रसन्न, आनन्दित। मेरे = अपने। छिन = क्षण। दीदार दिखाया = साक्षात्कार करा दिया। अस = इस प्रकार।

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