मीराँबाई की पदावली
अपना मार्ग
मीराँ—तू मत गरजे माइड़ी साधाँ दरसण जाती । |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ माइडी = मा। गरजे = बिगड़ कर बोल। माहिले = भीतर, अन्तर। धीहड़ी = बेटी। गुण फूली = गर्वीली बनी फिरती है। थे = तू। रैणत = रात भर। भूली = मगन रहा करती है। सुखनींदड़ी = सुख की नींद वा निश्चिन्त। गेली = मूर्ख, गैली। ज्याँकूँ = जिसे। ज्याँरे = जिसके। त्याँकू = उसे। चैमास्याँ की बावड़ी = चैमासे वा वर्षाऋतु में भरने वाली बावली या पोखरी। रूप सुरंगा सुन्दर, सौन्दर्यशाली।
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