कविता बघेल (वार्ता | योगदान) ('<div class="bgsurdiv"> <h4 style="text-align:center;">श्रीहरिगीता -दीनानाथ भार्गव 'द...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) |
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इन्द्रिय-विषय-वैराग्य एवं मद सदैव निवारना। | इन्द्रिय-विषय-वैराग्य एवं मद सदैव निवारना। | ||
− | जीवन, जरा, दुख, रोग | + | जीवन, जरा, दुख, रोग, मृत्यु सदोष नित्य विचारना॥8॥ |
नहिं लिप्त नारी पुत्र में, सब त्यागना फल-वासना। | नहिं लिप्त नारी पुत्र में, सब त्यागना फल-वासना। | ||
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मुझमें अनन्य विचार से व्यभिचार विरहित भक्ति हो। | मुझमें अनन्य विचार से व्यभिचार विरहित भक्ति हो। | ||
एकान्त का सेवन, न जन समुदाय में आसक्ति हो॥10॥ | एकान्त का सेवन, न जन समुदाय में आसक्ति हो॥10॥ | ||
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19:48, 18 जनवरी 2018 के समय का अवतरण
विषय सूची
श्रीहरिगीता -दीनानाथ भार्गव 'दिनेश'
अध्याय 13 पद 6-10
सुख-दुःख इच्छा द्वेष धृत्ति संघात एवं चेतना। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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