('<div class="bgsurdiv"> <h3 style="text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;">'''गीता चिन्तन -हनु...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
गोविन्द राम (वार्ता | योगदान) |
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'''हूँ महर्शियों में भृगु मैं ही, वाणीमें हूँ मैं ओंकार।''' | '''हूँ महर्शियों में भृगु मैं ही, वाणीमें हूँ मैं ओंकार।''' | ||
− | '''यज्ञों में जप-यज्ञ, स्वरों में हूँ मैं हिमवान् सुठार।।''' | + | '''यज्ञों में जप-यज्ञ, स्वरों में हूँ मैं हिमवान् सुठार।।'''<ref>(गीता 10/25)</ref> |
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'''(32)''' | '''(32)''' | ||
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'''बता रहे हैं उनमें से कुछ जो प्रधान हैं सब में सार।।''' | '''बता रहे हैं उनमें से कुछ जो प्रधान हैं सब में सार।।''' | ||
'''हूँ नारद देवर्शिवर्ग में, वृक्षों में मैं हूँ पीपल।''' | '''हूँ नारद देवर्शिवर्ग में, वृक्षों में मैं हूँ पीपल।''' | ||
− | '''हूँ गन्धर्व चित्ररथ मैं ही, सिद्धों में मुनि सिद्ध कपिल।।''' | + | '''हूँ गन्धर्व चित्ररथ मैं ही, सिद्धों में मुनि सिद्ध कपिल।।'''<ref>(गीता 10/26)</ref></poem> |
− | <ref>(गीता 10/26)</ref></poem> | + | <poem style="text-align:center;"> |
+ | '''(33)''' | ||
+ | (राग भैरव-ताल त्रिताल) | ||
+ | '''नागोंमें मैं शेशनाग हूँ, जलचरगण में वरुण महान।''' | ||
+ | '''पितरों में अर्यमा नियन्ताओंमें मैं हूँ यम बलवान।।''' | ||
+ | '''सबका तेज, शक्ति, जीवन में, मैं ही हूँ सबका आधार।''' | ||
+ | '''सबमें ओतप्रोत सदा मैं, अखिल विश्व मेरा विस्तार।।'''<ref>(गीता 10/29,39)</ref></poem> | ||
| style="vertical-align:bottom;"| [[चित्र:Next.png|right|link=गीता चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार पृ. 601]] | | style="vertical-align:bottom;"| [[चित्र:Next.png|right|link=गीता चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार पृ. 601]] | ||
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14:42, 9 मार्च 2018 के समय का अवतरण
विषय सूची
गीता चिन्तन -हनुमान प्रसाद पोद्दार
श्रीमद्भगवद् गीता के विविध प्रसंग
(31) (33) |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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