विषय सूची 1 श्रीरासपंचाध्यायी -हनुमान प्रसाद पोद्दार 1.1 रास-विलास 2 टीका टिप्पणी और संदर्भ 3 संबंधित लेख श्रीरासपंचाध्यायी -हनुमान प्रसाद पोद्दार रास-विलास कुसुमित कुंज कल्पतरु-कानन मनिमय अजिर सुहावन। रास-विलास-निरत नट-नागर गोपी-जल-मन-भावन।। बिमल बिनोदिनि बचन-बिदग्धा मुग्धा नागरि नारी। नित नव तरुनि, नटिनि निरुपम, नित मनमोहन-मनहारी।। कोटि-कोटि कामिनि, दामिनि घन संग सुसोभन साजै। मन्मथ-मन्मथ मुरलि-मनोहर द्वै-द्वै के बिच राजै।।[1] टीका टिप्पणी और संदर्भ ↑ पद-रत्नाकर, पद सं० 267 संबंधित लेख रास पंचाध्यायी -हनुमान प्रसाद पोद्दार क्रमांक पाठ का नाम पृष्ठ संख्या रासलीला चिन्तन 1. शरद पूर्णिमा पर दिया गया एक प्रवचन 1 2. प्रेम-तत्त्व 10 रासलीला चिन्तन-2 3. स्वर्गाश्रम ऋषिकेश में दिये गये प्रवचन 11 4. प्रेम-बन्धन 146 5. रासलीला-रहस्य 147 6. रास-विलास 160 7. रासपंचाध्यायी 161 रासलीला (पदों में) 8. थीं वे विकसित शारदीय 233 9. परम प्रेममयी श्रीराधा 239 10. उदय हुए जब श्रीवृन्दावन 240 11. अंतिम पृष्ठ 241 वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं क ख ग घ ङ च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ ऋ ॠ ऑ श्र अः