मंगल आरती गोपाल की -चतुर्भुजदास

मंगल आरती गोपाल की -चतुर्भुजदास

Prev.png


मंगल आरती गोपाल की ।
नित प्रति मंगल होत निरख मुख, चितवन नयन विशाल की ॥
मंगल रूप श्याम सुंदर को, मंगल छवि भृकुटि सुभाल की ।
चतुर्भुज प्रभु सदा मंगल निधि, बानिक गिरिधर लाल की ॥

Next.png

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः