श्रीगोपाल सहस्रनाम स्तोत्रम्
श्रीगोपालपूजनम्आचार्य भूमि में अक्षत छोड़वाकर आगे दिए हुए मन्त्र का उच्चारण करते हुए उसपर कर्ता से दीपक प्रज्वलित करावें- भो दीप! देवरुपस्त्वं कर्मसाक्षी ह्यविघ्नकृत् । आचार्य निम्न श्लोक का उच्चारण करके कर्ता से दीपक की प्रार्थना करावें- शुभं करोतु कल्याणमारोग्यं धनसम्पदाम् । ॐ भद्रं कर्णेभि: श्रृणुयाम देवा भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः । |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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