गोपाल सहस्रनाम स्तोत्र पृ. 3

श्रीगोपाल सहस्रनाम स्तोत्रम्

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श्रीगोपालपूजनम्

द्यौः शान्तिरन्तरिक्ष ग्वँग् शान्तिः पृथिवी
शान्तिरापः शान्तिरोषधयः शान्तिः।
वनस्पतयः शान्तिर्विश्वे देवाः शान्तिर्ब्रह्म शान्तिः
सर्व ग्वँग् शान्तिः शान्तिरेव शान्तिः सा मा शान्तिरेधि॥4 ।।

यतो यतः समीहसे ततो नो अभयं कुरु।
शन्नः कुरु प्रजाभ्योऽभयं नः पशुभ्यः॥5।।

सुशान्ति: सर्वारिष्टशान्तिर्भवतु॥
श्रीमन्महागणधिपतये नम: ।

ॐ लक्ष्मीनारायणभ्यां नम:। ॐ उमामहेश्वराभ्यां नमः।
ॐ वाणीहिरण्यगर्भाभ्यां नमः। ॐ शचीपुरन्दराभ्यां नमः।
ॐ मातापितृचरण कमलेभ्यो नमः। ॐ इष्टदेवताभ्यो नमः ।
ॐ ग्रामदेवताभ्यो नमः। ॐ कुलदेवताभ्यो नमः।
ॐ स्थानदेवताभ्यो नमः। ॐ वास्तुदेवताभ्यो नमः।
ॐ एतत्कर्मप्रधनदेवताभ्यो नम:। ॐ गुरुचरणकमलेेभ्यो नम:।
ॐ सर्वेभ्यो देवेभ्यो नमः। ॐ सर्वेभ्यो ब्राह्मणेभ्यो नमः।
ॐ भूर्भूव:स्व: श्रीसिद्धिबुद्धिसहिताय श्री मन्महागणधिपतये नम:।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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