मीराँबाई की पदावली
स्पष्ठोक्ति
राणाजी मुझे यह बदनामी लगे मीठी ।। टेक ।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मीठी = भली, अच्छी। अपूठी = उल्टी, भिन्न मार्ग से। ( देखो - ‘अब गाँव रे’ नांव रे कोई धरौ, हम साँवरे रंग रँगी सो रँगी - ठाकुर ) बातज = बातें। करताँ = करते समय। दीठी = देखा।
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