माघ हिन्दू पंचांग के अनुसार वर्ष का ग्यारहवाँ महीना है। माघ मास में 'कल्पवास' का विशेष महत्त्व है। 'माघ काल' में संगम के तट पर निवास को 'कल्पवास' कहते हैं। वेदों यज्ञ यज्ञदिक कर्म ही 'कल्प' कहे गये हैं। यद्यपि कल्पवास शब्द का प्रयोग पौराणिक ग्रन्थों में ही किया गया है, तथापि माघ काल में संगम के तट पर वास कल्पवास के नाम से अभिहित है।
- माघ महीने की शुक्ल पंचमी से वसंत ऋतु का आरंभ होता है।
- माघ मास में बड़े तड़के गंगा जी अथवा अन्य किसी पवित्र धारा में स्नान करना परम प्रशंसनीय माना जाता है।
- हिन्दू पंचांग के प्रमुख महीनों के नाम निम्न हैं-
टीका टिप्पणी और संदर्भ
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