भोग श्रृंगार यशोदा मैया -छीतस्वामी

भोग श्रृंगार यशोदा मैया -छीतस्वामी

Prev.png


भोग श्रृंगार यशोदा मैया, श्री विट्ठलनाथ के हाथ को भावें ।
नीके न्हवाय श्रृंगार करत हैं, आछी रुचि सों मोही पाग बंधावें ॥
तातें सदा हों उहां ही रहत हो, तू दधि माखन दूध छिपावें ।
छीतस्वामी गिरिधरन श्री विट्ठल, निरख नयन त्रय ताप नसावें ॥

Next.png

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                                 अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र    अः