मीराँबाई की पदावली
विरह निवेदन
राग टोड़ी
आवो मन मोहना जी जोऊँ थाँरी वाट ।। टेक ।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ - थाँरी = तुम्हारी। बाट = राह। नेक = ज़रा सा। कपाट = द्वार, पलक ( यहाँ पर )। आयाँ विनि = आये बिना। बोहोत = बहुत, ज़ोरों की। उचाट = व्याकुलता। रावरी = आपकी। निराट = निराश्रय, असहाय।
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