मीराँबाई की पदावली
प्रेमाभिलाषा राग मुल्तानी
असा पिया जाण न दीजै हो ।। टेक ।। |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ असा = ऐसे, अनुपम। जाण = जाने। वारणै = न्योछावर, समर्पण। नैणाँ = नयनों वा नेत्रों द्वारा। रस = सौन्दर्य रस। जिहजिह = जिसजिस। बिधि = प्रकार वा ढंग से। सुहावणा = दर्शनीय, मनोहर। देख्याँ = देखकर। बड़भागण = बड़भागिन वा बड़े भाग्य वाली ही। रीझैहो = आनन्दित होती है।
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