वृष्णि संघ परिचय
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विवरण | मधु राजा के सौ पुत्रों में से ज्येष्ठ पुत्र एक यादवराज था। इसी के कुल में श्रीकृष्ण पैदा हुए थे और इसी कारण 'वार्ष्णेय' कहलाए। इनका वंश 'वृष्णि वंशीय यादव' कहलाता था। |
गणराज्य स्थिति | शूरसेन प्रदेश |
संघ प्रमुख | उग्रसेन |
विशेष | महाभारत युद्ध से पूर्व वृष्णि तथा अंधक, इन दोनों राज्यों का संघ एक था जो 'अंधक-वृष्णि-संघ' कहलाता था। इस संघ में अंधकों के मुखिया आहुक पुत्र उग्रसेन थे और वृष्णियों के शूर-पुत्र वसुदेव। उस संघीय गणराज्य के राष्ट्रपति उग्रसेन थे। |
संबंधित लेख | श्रीकृष्ण, उग्रसेन, कंस, अंधक संघ, मथुरा, ब्रज |
अन्य जानकारी | 'वृष्णि' और 'अंधक' वंशियों द्वारा शासित शूरसेन प्रदेशांतर्गत मथुरा और शौरिपुर के दोनों राज्य गणराज्य थे। उनका शासन वंश-परंपरागत न होकर समय-समय पर जनता के चुने हुए प्रतिनिधियों द्वारा होता था। |