विषय सूची
श्रीकृष्ण माधुरी -सूरदास
अनुवादक - सुदर्शन सिंह
राग गुंड मलार103 ( गोपी कहते है- सखी ! ) श्यामसुन्दर सुखकी राशि है और रस ( आनन्द ) की भी महान राशि है । वे रुपकी राशि है गुणकी राशी है युवावस्थाकी राशि है उन्हे देखकर व्रजकी नवीन तरुण ( युवती ) स्त्रियाँ थकित ( मुग्ध ) हो गयी है । वे शीलकी राशि है यशकी राशि है आनन्दकी राशि है नवीन नीले मेघके समान उनका शोभामय वर्ण है। वे दयाकी राशि है विद्याकी राशि है बलकी राशि है वे क्रूरके शत्रु तथा दानवोंके कुलको नष्ट करनेवाले है । वे चतुरताकी राशि है छल ( कौशल ) की राशि है कलाकी राशि है; जो उन श्रीहरिका जिसलिये भजन करता है उसे वही देनेवाले है । सूरदासके स्वामी श्यामसुन्दर सुखके धाम तथा पूर्णकाम है कमरमे पीताम्बर पहिने और मुखपर मुरली धारन किये है । |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
-
वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज