राधा कृष्ण कृपा कटाक्ष स्तोत्र पृ. 2

राधा कृष्ण कृपा कटाक्ष स्तोत्र

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श्री राधा चालीसा

मुरली में नित नाम उचारें।
तुव कारण लीला वपु धारें।।
प्रेम स्वरूपिणि अति सुकुमारी।
श्याम प्रिया वृषभानु दुलारी।।
नवल किशोरी अति छवि धामा।
द्युति लघु लगै कोटि रति कामा।।
गौरांगी शशि निंदक बदना।
सुभग चपल अनियारे नयना।।
जावकयुत युग पंकज चरना।
नूपुर धुनि प्रीतम मन हरना।।
संतत सहचरि सेवा करहीं।
महा मोद मंगल मन भरही।।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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